क्या वो भूत था
राम को मन्दिरो मे घूमना बहुत ही अच्छा लगता था।ऐसे ही वो अपने गावँ में बने मन्दिर में चला गया।बड़ी गजब की फोटो और मुर्ति थी उस मन्दिर में ।पुजारी जी ने उसको मना किया था की भूगर्भ में ना जाये।पर ये तो है इंसानी दिमाग।वो नही माना।राम ने शादी नही की थी।बस मन्दिरो का मोह था उसको । अपनी सारी कमाई वो इस काम में ही खर्च करता था। चलते-चलते राम भूगर्भ के रास्ते नदी के पास आ गया था कि तभी राम को ऐसा महसूस हुआ कि वहां कोई है । राम पलट कर वापिस जाना ही चाह रहा था कि एक जोरदार धक्का लगा और धडाम से गिर गया ।राम को समझ में नही आया कि वो कैसे गिर गया।लोगों को कहते सुना था कि नदी पर मत जाना पर राम कहाँ मानने वाला था।किसी तरह से राम अपने घर पहुँच गया ।खाना खाने बैठा तो सारा खाना खुद खा गया।राम के पिता ने कहा,जा पेड़ से पत्तिया तोड़ कर ला दे।पत्तल बनानी है।भिमल की पत्तिया लाना,उसकी पत्तल अच्छी बनती है। राम जल्दी से खुब सारी भिमल की पत्तिया तोड़ लाया।थोड़ी ही देर में पड़ोस से गीता आ गयी,उसने बताया कि भाई जी ने पूरा पेड़ काट दिया है। राम को शायद गीता की शिका...